11. 교회혈(交會穴)
○ 교회혈(交會穴)이란 십이경맥과 기경팔맥이 상호회합(相互會合)하는 전신(全身)의 95혈의 총칭이다.
○ 교회혈의 명칭은 [素問:氣府論]에 최초로 등장한다. ○ 인체 경맥순행의 특징에 하나는 완전한 단선(單線)이
상호불간섭(相互不干涉)한 형으로 평행으로 주향(走向)하고 있는 것은 결코 아니고, 상호간에 많은 복잡한 교차 관계을 형성하고 있는 것이다.
○ 이와 같은 교차는 이경맥간(二經脈間)에 이루어지는 것만이 아니고, 삼경맥(三經脈) 이상의 사이에서도 하나의 혈에서 교차 내지 관통하는
것이 행해지고 있다. 이러한 교차혈이 "교회혈(交會穴)"이다. ○ 전신(全身)에는 대단히 많은 교회혈이 있고, 도면으로 그것을 일일이
제시하는 것은 불가능 함으로 상세한 것은 다음표을 참조할 것.
陽經交會穴⑴
經名穴名 |
督脈 |
足太陽 |
手太陽 |
足少陽 |
手少陽 |
足陽明 |
手陽明 |
陽維 |
陽 |
帶脈 |
備注 ○ 所屬穴 ∨ 交會穴
|
神 庭 |
○ |
∨ |
|
|
|
∨ |
|
|
|
|
|
水 溝 |
○ |
|
|
|
|
∨ |
∨ |
|
|
|
|
百 會 |
○ |
∨ |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
腦 戶 |
○ |
∨ |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
風 府 |
○ |
|
|
|
|
|
|
∨ |
|
|
|
門 |
○ |
|
|
|
|
|
|
∨ |
|
|
|
大 椎 |
○ |
∨ |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
陶 道 |
○ |
∨ |
|
∨ |
|
∨ |
|
|
|
|
|
長 强 |
○ |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
少陽經의 交叉穴 |
睛 明 |
|
○ |
∨ |
|
|
∨ |
|
|
|
|
|
大 抵 |
|
○ |
∨ |
|
|
|
|
|
|
|
|
風 門 |
∨ |
○ |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
附 分 |
|
○ |
∨ |
|
|
|
|
|
|
|
|
附 陽 |
|
○ |
|
|
|
|
|
|
∨ |
|
陽교脈의 隙穴 |
申 脈 |
|
○ |
|
|
|
|
|
|
∨ |
|
陽교脈의 發生部位 |
僕 參 |
|
○ |
|
|
|
|
|
|
∨ |
|
陽교脈의 本源 |
金 門 |
|
○ |
|
|
|
|
|
∨ |
|
|
陽교脈의 起始部位 |
노 兪 |
|
|
○ |
|
|
|
|
∨ |
∨ |
|
|
秉 風 |
|
|
○ |
∨ |
∨ |
|
∨ |
|
|
|
|
관 료 |
|
|
○ |
|
∨ |
|
|
|
|
|
|
聽 宮 |
|
|
○ |
∨ |
∨ |
|
|
|
|
|
|
瞳子료 |
|
|
∨ |
○ |
∨ |
|
|
|
|
|
|
上 關 |
|
|
|
○ |
∨ |
∨ |
|
|
|
|
|
함 厭 |
|
|
|
○ |
∨ |
∨ |
|
|
|
|
|
懸 釐 |
|
|
|
○ |
∨ |
∨ |
|
|
|
|
|
曲 빈 |
|
∨ |
|
○ |
|
|
|
|
|
|
|
率 谷 |
|
∨ |
|
○ |
|
|
|
|
|
|
|
浮 白 |
|
∨ |
|
○ |
|
|
|
|
|
|
|
竅 陰 |
|
∨ |
|
○ |
|
|
|
|
|
|
|
完 骨 |
|
∨ |
|
○ |
|
|
|
|
|
|
|
本 神 |
|
|
|
○ |
|
|
|
∨ |
|
|
|
陽 白 |
|
|
|
○ |
|
|
|
∨ |
|
|
|
臨 泣 |
|
∨ |
|
○ |
|
|
|
∨ |
|
|
|
目 窓 |
|
|
|
○ |
|
|
|
∨ |
|
|
|
正 營 |
|
|
|
○ |
|
|
|
∨ |
|
|
|
承 靈 |
|
|
|
○ |
|
|
|
∨ |
|
|
|
腦 空 |
|
|
|
○ |
|
|
|
∨ |
|
|
|
風 池 |
|
|
|
○ |
|
|
|
∨ |
|
|
|
肩 井 |
|
|
|
○ |
|
|
|
∨ |
|
|
|
陽經交會穴⑵
經名 穴名 |
督脈 |
足太陽 |
手太陽 |
足少陽 |
手少陽 |
足陽明 |
手陽明 |
陽維 |
陽 |
帶脈 |
備注 ○ 所屬穴 ∨ 交會穴
|
日 月 |
|
|
|
○ |
∨ |
|
|
|
|
|
足太陰脾經과 交會함 |
環 跳 |
|
∨ |
|
○ |
|
|
|
|
|
|
|
帶 脈 |
|
|
|
○ |
|
|
|
|
|
∨ |
|
五 樞 |
|
|
|
○ |
|
|
|
|
|
∨ |
|
維 道 |
|
|
|
○ |
|
|
|
|
|
∨ |
|
居 |
|
|
|
○ |
|
|
|
|
∨ |
|
|
陽 交 |
|
|
|
○ |
|
|
|
∨ |
|
|
陽脈의 隙穴 |
天窓 |
|
|
|
|
○ |
|
|
|
∨ |
|
|
風 |
|
|
|
∨ |
○ |
|
|
|
|
|
|
角 孫 |
|
|
|
∨ |
○ |
|
∨ |
|
|
|
|
和 |
|
|
∨ |
∨ |
○ |
|
|
|
|
|
|
承 泣 |
|
|
|
|
|
○ |
|
|
∨ |
|
任脈과도 交會함 |
巨 |
|
|
|
|
|
○ |
|
|
∨ |
|
|
地 倉 |
|
|
|
|
|
○ |
∨ |
|
∨ |
|
|
下 關 |
|
|
|
|
∨ |
○ |
|
|
|
|
|
頭 維 |
|
|
|
|
∨ |
○ |
|
∨ |
|
|
|
氣 衝 |
|
|
|
|
|
○ |
|
|
|
|
衝脈의 起始部 |
臂 |
|
|
|
|
|
|
○ |
|
|
|
手陽明의 絡脈과 會合함 |
肩 |
|
|
|
|
|
|
○ |
|
∨ |
|
|
巨 骨 |
|
|
|
|
|
|
○ |
|
∨ |
|
|
迎 香 |
|
|
|
|
|
∨ |
○ |
|
|
|
|
陰經交會穴
經名 穴名 |
任脈 |
足太陰 |
手太陰 |
足厥陰 |
手厥陰 |
足少陰 |
手少陰 |
陰維 |
陰 |
衝脈 |
備注 ○ 所屬經 ∨ 交會穴
|
承 漿 |
○ |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
足陽明과 交合함 |
廉 泉 |
○ |
|
|
|
|
|
|
∨ |
|
|
|
天 突 |
○ |
|
|
|
|
|
|
∨ |
|
|
|
上 脘 |
○ |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
足陽明, 手太陽과 交會함 |
中 脘 |
○ |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
足陽明, 手太陽, 手少陽과
交會함 |
下 脘 |
○ |
∨ |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
陰 交 |
○ |
|
|
|
|
|
|
|
|
∨ |
|
關 元 |
○ |
∨ |
|
∨ |
|
∨ |
|
|
|
|
|
中 極 |
○ |
∨ |
|
∨ |
|
∨ |
|
|
|
|
|
曲 骨 |
○ |
|
|
∨ |
|
|
|
|
|
∨ |
|
會 陰 |
○ |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
督脈을 夾하고 衝脈과
會한다 |
三陰交 |
|
○ |
|
∨ |
|
∨ |
|
|
|
|
|
衝 門 |
|
○ |
|
∨ |
|
|
|
|
|
|
|
府 舍 |
|
○ |
|
∨ |
|
|
|
∨ |
|
|
|
大 橫 |
|
○ |
|
|
|
|
|
∨ |
|
|
|
腹 哀 |
|
○ |
|
|
|
|
|
∨ |
|
|
|
中 府 |
|
∨ |
○ |
|
|
|
|
|
|
|
|
章 門 |
|
|
|
○ |
|
|
|
|
|
|
足少陽과 交會한다 |
期 門 |
|
∨ |
|
○ |
|
|
|
∨ |
|
|
|
天 池 |
|
|
|
|
○ |
|
|
|
|
|
足少陽과 交會한다 |
橫 骨 |
|
|
|
|
|
○ |
|
|
|
|
|
大 赫 |
|
|
|
|
|
○ |
|
|
|
|
|
氣 穴 |
|
|
|
|
|
○ |
|
|
|
∨ |
|
四 滿 |
|
|
|
|
|
○ |
|
|
|
∨ |
|
中 注 |
|
|
|
|
|
○ |
|
|
|
∨ |
|
노 兪 |
|
|
|
|
|
○ |
|
|
|
∨ |
|
商 曲 |
|
|
|
|
|
○ |
|
|
|
∨ |
|
石 關 |
|
|
|
|
|
○ |
|
|
|
∨ |
|
陰 都 |
|
|
|
|
|
○ |
|
|
|
∨ |
|
通 谷 |
|
|
|
|
|
○ |
|
|
|
∨ |
|
幽 門 |
|
|
|
|
|
○ |
|
|
|
∨ |
|
照 海 |
|
|
|
|
|
○ |
|
|
∨ |
|
陽脈이 發生하는 部位 |
交 信 |
|
|
|
|
|
○ |
|
|
∨ |
|
陰脈의 隙穴 |
築 賓 |
|
|
|
|
|
○ |
|
∨ |
|
|
陰維脈의
隙穴 |
○ 교회혈의 부위는 수경맥(數經脈)이 동시에 통과하므로 수경(數經)의 질병을 동시에 치료할 수 있다.
○ 예을 들면 대추(大椎)혈은 수족의 삼양경의 교회혈이며, 전신의 양기을 소통하는 작용을 지니고 있기 때문에,
발한해열작용(發汗解熱作用)을 지닌다. ○ 삼음교(三陰交)혈을 족삼음경의 교회혈이며, 족삼음경에 발생한 질병을 치료할 수 있다. 이와같이
질병이 이경(二經) 이상에 미치는 경과(境過)에는 관계되는 교회혈을 취하여 치료한다. ○ 예을들면 대퇴후외측(大腿後外側)의
좌골신경통(坐骨神經痛)은 족소양과 태양의 교회혈인 환도(環跳)혈을 취하여 치료하는 등이다. ○ 이 외에 교회혈이 소재하는 부위에 병변이
발생하였을 시는 그곳에서 교회하는 경맥의 혈로서 치료할 수 있다. ○ 예을 들면 이부(耳部)의 청궁(聽宮)혈은 수태양경과 수족의 소양경의
교회혈이므로, 이부(耳部)의 질병을 치료하는 경우는 그 삼경에 속하는 혈을 이용하여 치료할 수 있다. 또 족(足)의 삼음경은 하복부의
중극(中極), 관원(關元)에서 교회함으로 족(足)의 삼음경의 슬관절이하의 혈은 일반적으로 하복부의 질환을 주치할 수 있다.
○ 이상 9종류의 특정혈을 열거하였으나, 유모혈(兪募穴), 팔회혈(八會穴), 교회혈(交會穴)을 제외하고, 기타
대다수의 특정혈은 모두 주 슬관절에서 말단(末端)에 존재한다. 수삼음경의 주관절에서 말단의 혈을 보면, 어떤 혈도 특정혈이다. ○
예을들면 수태음폐경의 주관절에서 말단의 혈을 소상(정혈), 어제(형혈), 태연(수혈, 원혈, 맥회혈), 경거(경혈), 열결(락혈, 팔맥교회혈에서
임맥에 통한다), 공최(극혈), 척택(회혈) 모두 요혈로 점거되어 있다. 족삼양경의 슬관절에서 말단의 혈도 대다수는 특정혈이다. ○
족양명위경을 예로 들어본다면, 여태(정혈), 내정(형혈), 함곡(수혈), 충양(원혈), 해계(경혈), 풍융(락혈), 하거허(소장경의 하합혈),
상거허(대장경의 하합혈), 족삼리(합혈) 등등 특정혈이 병열해 있다. ○ 사지의 주 슬관절에서 말단의 혈은 역대의가의 임상응용중에서
중요한 지위(地位)을 점하고 있으나, 이것은 주 슬관절에서 말단의 혈이 원(遠) 부위의 병변을 치료할 수 있다는 것과 밀접한 관계가 있다.
○ 고대인의 설에 "사지는 음양의 근본이다"라는 것은 요혈의 의미와 작용을 이해하는 면에서 깊은 도리(道理)을 함축(含蓄)한
구(句)이다.
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